• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to footer

Hindustan Trend

Best Site For Learn Hindi Grammar

  • Home
  • Hindi Grammar
  • Hindi Essay
  • English Essay

भारत पर निबंध हिंदी में पढ़े – Essay on India in Hindi

Written by Admin

प्राचीन भारत – भारत हमारा प्राचीन और प्रिय देश है। यह हमारी जन्मभूमि और कर्मभूमि है। भारत का अतीत महान और गौरवमय रहा है। कहते हैं, भारत संसार का आदिगुरु रहा।

संसार का बड़ा हिस्सा जब अज्ञान के अंधकार में पड़ा था, तब भारत ने न केवल उस अंधकार को दूर किया, बल्कि शासन की एक ऐसी पद्धति को जन्म दिया, जिसे आज लोकतंत्र या जनतंत्र कहते हैं।

मतलब यह है कि लोकतंत्र का जन्मदाता भारत है। यहां के राजा प्रजा के पालक और सेवक होते थे। सभ्यता और संस्कृति का नया प्रकाश सबसे पहले भारत ने ही दिया, सारी दुनिया को।

वाल्मीकि, कालिदास, तुलसीदास जैसे महाकवि, कपिल, कणाद, शंकर जैसे असाधारण दार्शनिक, महावीर और बुद्ध जैसे अहिंसा और सत्य के पुजारी इस देश में पैदा हुए।

मध्ययुग में नानक, कबीर, तुलसी जैसे संत-महात्मा पैदा हुए। 19वी सदी में राजा राममोहन राय, विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, दयानंद जैसे समाजसेवी और चिंतक यहीं पैदा हुए।

बीसवीं सदी में महात्मा गांधी, नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, शहीद भगत सिंह, राममनोहर लोहिया,अम्बेडकर, जयप्रकाश जैसे बलिदानी देशभक्त इसी भारत की गोद में जन्मे।

अतएव, भारत ऋषि, मुनियों, दार्शनिकों, महाकवियों, संत-महात्माओं और समाजसेवियों तथा देशभक्तों का देश है। इसका कण-कण प्रिय और पवित्र है। ऐसी महान भूमि को हम भारतमाता कहते हैं और इसकी वंदना करते हैं।

अन्नपूर्णा – भारत एक ऐसा देश है, जहां की प्रकृति ने अपनी छह ऋतुओं में नए नए रूप धारण कर फूलों-फलो तथा अनाजों को पैदा कर धन्य-धन्य कर दिया है। कहते हैं, इस देश में कभी दूध की नदी बहती थी। ऐसा कोई दूसरा देश नहीं।

आजाद भारत – सदियों की दासता की जंजीर काटकर भारत 15 अगस्त, 1947 को महात्मा गांधी जैसे देशभक्तों के तप, त्याग और बलिदान से आजाद हुआ।

हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान की लाली दौड़ आयी। एक नया विश्वास जगा, नया बल मिला। हम सभी लग गए भारत के नवनिर्माण में किंतु, जो आजादी हमें मिली, वह पूर्ण नहीं, खंडित थी।

देश के दो टुकड़े हो गए — भारत और पाकिस्तान। 26 जनवरी, 1950 को भारत का नया संविधान घोषित हुआ। एक बड़े आस-विश्वास के साथ हम आजाद हुए।

किंतु, शीघ्र ही हमारा मोह भंग हो गया। बड़े-बड़े नेताओं के उठ जाने पर जो नये नेता हमारे सामने आये, उनमें वह शक्ति, वह उत्साह और वह त्याग नहीं रहा, जिसकी हमें आशा थी।

सांप्रदायिक संघर्षों, भाषाई विवादों, क्षेत्रीय उन्माद और जातीय संकीर्णता से सारा देश काँप उठा और एक बार फिर मध्ययुग की ओर लौटता दिखाई पड़ा।

कश्मीर, पंजाब, असम जैसे राज्यों में अशांति, कलह, हत्या और क्षेत्रीय उन्माद से देश की अखंडता और एकता पर प्रश्नचिन्ह लग गया। आज राजनीतिक पार्टियों का राष्ट्रवाद और राष्ट्रप्रेम टूटता नजर आता है।

एक विश्वास – हमें धीरता, दृढ़ता और विश्वास से काम लेना होगा। हमारे बीच अब भी ऐसे चिंतक और देशभक्त वर्तमान है, जो समय पाकर, प्रकट होकर, हमारा नेतृत्व करेंगे और तब भारत ने फिर नया सवेरा होगा, पुनर्जागरण होगा।

ऐसी शक्तियाँ अभी परदे की ओट में है। जैसे अंधकार के बाद प्रकाश आता है, उसी तरह भारत का वर्तमान अंधकार भी दूर होकर रहेगा। हमारे दिवंगत बलिदान देशभक्तों का तप-त्याग और समर्पण बेकार नहीं जाएगा।

यह भी पढ़े –

  • गाँधी जी पर निबंध – Essay on Gandhi Ji in Hindi
  • टेलीविज़न पर निबंध – Essay on Television in Hindi

Filed Under: Hindi Essay

Footer

About Us

HindustanTrend.Com एक एजुकेशनल वेबसाइट हैं जिस पर आप हिंदी व्याकरण एवं हिंदी और अंग्रेजी निबंध पढ़ सकते हैं।

आप इसी तरह हमसे जुड़े रहिये हम आपके लिए इस वेबसाइट पर हमेशा ज्ञानवर्धक जानकारियाँ शेयर करते रहेंगे।

धन्यवाद!

Important Pages

  • About Us
  • Contact Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy

Recent Posts

  • पल्लवन (Pallawan in Hindi Grammar)
  • A Village Fair Essay in English Language
  • हिंदी लोकोक्तियाँ – Lokoktiyan in Hindi Grammar
  • Vakyansh Ke Liye Ek Shabd in Hindi Grammar

Copyright © 2022